क्या आप भी ऐसा करते हैं
1) क्या आप अपने आसपास घटने वाली हर बात पर ध्यान लगाते हैं? क्या आप अपने रिश्तों में हमेशा कोई गहरा अर्थ खोजते हैं? यहां तक कि अनजान लोगों या आस-पास की किसी भी छोटी बात के बारे में सोचते रहते हैं?
2) क्या आपको एकांत अच्छा लगता है? और आप इस एकांत में भी बहुत सारी चीजों को खुद से जोड़कर देखते हैं? जिंदगी के बारे में लगातार सोचते हैं और उन सारी चीजों के बारे में विश्लेषण करते हैं?
3) क्या आप सालों से बेहद परिवक्व व्यवहार करते आए हैं? जब आप एक छोटे बच्चे थे तो आपके परिवार के लोग हमेशा आपसे ये कहा करते थे कि आप बड़ों की तरह व्यवहार करते हैं। आप बचपन में बच्चों के साथ खेलने के बजाए बड़ों के साथ बैठना या बात करना पसंद करते थे।
4) क्या आपको छोटे-छोटे कामों को करने में बेहद आनंद आता है? क्या आपको एक कॉफी पीना पसंद है या किताब या कोई अखबार पढ़ना? आपको इत्मिनान से दोस्तों के साथ बैठना पसंद है और आराम से कुछ पकाना भी और फुर्सत से बैठ कर कुछ खाली समय बिताना भी।
5) हो सकता है आपका जिंदगी के प्रति एक दार्शनिक रुख हो। और आप दूसरी की तुलना में अपने जीने को थोड़ा और बड़े रूप में सोचते हों। जब आपकी जिंदगी में कोई परेशानी आती है तो आप सोचते हैं कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है और इस बीच आप जितना इससे जूझते हैं उस सबको बस इस पूरी परिस्थिति के एक हिस्से के रूप में देखते हैं।