अगति के चार प्रकार हैं
क्षिणोदर्क
अगति में जीव पुन: पुण्यात्मा के रूप में मृत्यु लोक में आता है और संतों सा जीवन जीता है।
भूमोदर्क- भूमोदर्क में वह सुखी और ऐश्वर्य से पूर्ण जीवन मिलता है।
तृतीय अगति- में नीच या पशु का जीवन मिलता है।
चतुर्थ गति में वह कीट, कीड़ों जैसा जीवन पाता है।