जन्म कुंडली में नवग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव
नवग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों के अनुरूप होता है। जन्म कुंडली में ग्रह शुभ प्रभाव दें तो जीवन में सकारात्मकता का समावेश होता है और अशुभ प्रभाव दें तो जीवन में नकारात्मकता का समावेश होता है। प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए ग्रह सम्बन्धी निम्न वस्तुओं का दान करना चाहिए। जिससे समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। यह दान इतने सरल और सुगम हैं, जिन्हें कोई भी साधारण व्यक्ति आसानी से कर सकता है।
सूर्य - तांबा, गेहूं व गुड़।
चंद्र- चावल, दूध, चांदी या मोती।
मंगल- मूंगा, मसूर दाल, खांड, सौंफ।
बुध- हरी घास, साबुत मूंग, पालक।
गुरु- केसर, हल्दी, सोना, चने की दाल का दाल।
शुक्र- दही, खीर, ज्वार या सुंगधित वस्तु।
शनि- साबुत उड़द, लोहा, तेल या तिल ।
राहु- सिक्का, जौ या सरसों।
केतु- केला, तिल या काला कंबल।
उपाय के लिये विशेष नियम ग्रहों के दुष्प्रभाव शीघ्र दूर करने के लिए 43 दिन तक प्रतिदिन उपाय करने चाहिए। यदि बीच में प्रयोग खंडित हो जाए तो फिर से शुरू करें। ये उपाय दिन के समय करने चाहिए। एक दिन में केवल एक ही उपाय करना चाहिए। जातक के असमर्थ होने पर खून के रिश्ते वाला कोई व्यक्ति उसके नाम से यह उपाय कर सकता है।