वीर्य के दोष दूर करें
परिचय :
वीर्य ही शरीर की सप्त धातुओं का राजा माना जाता है और ये सप्त धातुयें भोजन से प्राप्त होती हैं। इसमे सातवी धातु ही पुरुष में वीर्य बनती है। 100 बूंद खून से एक बूंद वीर्य बनता है। एक महीने में लगभग 1 लीटर खून बनता है जिससे 25 ग्राम वीर्य बनता है और गर्भाधान के लिए 60 से 70 करोड़ जीवित शुक्राणुओं का होना जरूरी होता है। इसलिए संभोग हफ्ते में एक बार ही करना चाहिए क्योंकि एक बार के संभोग के दौरान 10 ग्राम वीर्य निकल जाता है। वीर्य में जीवित शुक्राणुओं की कमी से महिलाओं को गर्भवती भी बनाया नहीं जा सकता। वीर्य परीक्षण में वीर्य गर्भाधान के लिए 7.8 पी.एच से 8.2 पी. एच ही सही माना गया है। वीर्य में दो प्रकार के शुक्राणु होते हैं एक्स और वाई। एक्स शुक्राणुओं से पुत्री पैदा होती है और वाई शुक्राणुओं से पुत्र पैदा होता है। एक शुक्राणु की लम्बाई लगभग 1/500 इंच होती है।
कभी-कभी वीर्य पतला होने के कारण गर्भ नहीं ठहरा पाता ऐसा तब होता है जब कोई ज्यादा मैथुन करके वीर्य को नष्ट कर देता है या अन्य दूसरी किसी बीमारी से ग्रस्त होकर जैसे:- प्रमेह, सुजाक, मूत्रघात, मूत्रकृच्छ और स्वप्नदोष आदि।
चिकित्सा :
1. ब्राह्मी : ब्राह्मी, शंखपुष्पी, खरैटी, ब्रह्मदण्डी और कालीमिर्च को पीसकर खाने से वीर्य शुद्ध होता है।
2. बबूल :
-
बबूल की कच्ची फली को सुखाकर मिश्री में मिलाकर खाने से वीर्य की कमी व रोग दूर होते हैं।
-
10 ग्राम बबूल की कोंपलों को 10 ग्राम मिश्री के साथ पीसकर पानी के साथ लेने से वीर्य-रोगों में लाभ होता है। हरी कोंपले न हों तो 30 ग्राम सूखी कोंपलों का सेवन कर सकते हैं।
-
बबूल की फलियों को छाया में सुखा लें और बराबर की मात्रा मे मिश्री मिलाकर पीसकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से जल के साथ सेवन से करने से वीर्य गाढ़ा होगा और सभी विकार दूर हो जाएंगे।
-
बबूल की गोंद को घी में तलकर उसका पाक बनाकर खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है और प्रसूत काल स्त्रियों को खिलाने से उनकी शक्ति भी बढ़ती है।
-
बबूल का पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) लेकर पीस लें, और आधी मात्रा में मिश्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से कुछ ही समय में लाभ मिलता है।
-
बबूल की कच्ची फलियों के रस में 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौडे़ कपड़े को भिगोकर सुखा लेते हैं। एक बार सूख जाने पर उसे पुन: भिगोकर सुखाते है। इसी प्रकार इस प्रक्रिया को 14 बार करते हैं। इसके बाद उस कपड़े को 14 भागों में बांट लेते है, और प्रतिदिन एक टुकड़े को 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर पीने से धातु की पुष्टि हो जाती है।
3. शतावर :
शतावर रस या आंवला रस अथवा गोखरू काढ़ा शहद में मिलाकर पीने से वीर्य शुद्ध होता है।
शतावर, सफेद मूसली, असगन्ध, कौंच के बीज, गोखरू और आंवला ये सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें तीन-तीन ग्राम चूर्ण सुबह-शाम खाने से धातु (वीर्य) में वृद्धि होती है।
4. गूलर :
गूलर का दूध बताशे में रख कर खाने से वीर्य शुद्ध होता है।
पके गूलर का चूर्ण शहद या सेंधा नमक के साथ खाने से भी वीर्य शुद्ध होता है।
5. धनिया : धनिया, पोस्त के बीज के साथ मिश्री मिलाकर खाना लाभदायक होता है।
6. छोटी दुधी : छोटी दुधी का चूर्ण मिश्री मिलाकर दूध के साथ खायें इससे वीर्य शुद्ध होता जाता है।
7. तालमखाना : तालमखाना मे मिश्री मिलाकर खाने से वीर्य शुद्ध यानी साफ हो जाता है।
8. चोबचीनी : चोबचीनी, सोठ, मोचरस, दोनों मूसली, काली मिर्च, वायविडंग और सौंफ सबको बराबर भाग में लेकर चूर्ण बनायें। बाद में 10 ग्राम की मात्रा में रोज खाकर ऊपर से मिश्री मिला दूध पी लें इससे वीर्य साफ होता है।
और पढ़ें
- बवासीर के घरेलू उपचार
- मधुमेह के घरेलू उपचार
- उक्त रक्तचाप के उपचार
- गठिया के घरेलू उपचार
- पथरी के रामबाण घरेलू उपाय
- नकसीर के घरेलू उपचार
- पेट दर्द के घरेलू उपचार
- सर दर्द के घरेलू उपचार
- सफेद बालों को काला करने के घरेलू नुस्खे
- गिरते बालों के लिए घरेलू उपचार
- सर्दी जुकाम से बचने के घरेलू उपचार
- खाँसी के घरेलू उपचार
- दाँत दर्द के घरेलू उपचार
- कान दर्द के घरेलू उपचार
- दिल की बीमारियों के घरेलू उपचार
- मुहँ में छाले के उपाय
- झुर्रियों से बचाव वा उसका उपचार
- आँखों की रौशनी तेज करने के उपाय
- मस्से के घरेलु उपचार
- दमा के घरेलु उपचार
- बदन दर्द के घरेलु उपचार
- गुस्सा दूर करने के उपाय
- उल्टी और दस्त के घरेलु उपचार
- परिचय
- कैंसर के लक्षण
- कैंसर के कारण
- कैंसर से बचाव
- कैंसर में खानपान वा सावधानियां
- माइग्रेन, आधा सीसी सिरदर्द
- पेट की गैस के घरेलू उपचार
- धात रोग का प्रभावी हर्बल उपचार
- सेक्स पावर बढ़ाने के घरेलू उपचार
- शरीर व सांस की दुर्गध कैसे रोक
- होठों का खुश्की से बचाव
- परिचय
- यकॄत के रोगों की सरल चिकित्सा
- सफ़ेद दाग निवारक सरल उपचार
- गले की खराश दूर करने के घरेलू नुस्खे
- जोड़ो दर्द घरेलू नुस्खे
- परिचय
- व्यायाम
- रामबाण होम उपाय
- सावधानियां
- भूलकर. भी इन चीजों को एक साथ ना खाये
- पेट के कीड़े घरेलू नुस्खे
- उदर रोग के घरेलू नुस्खे
- बाल तोड़ के घरेलू नुस्खे
- बदहजमी के घरेलू नुस्खे
- शीघ्रपतन के घरेलू नुस्खे
- परिचय
- पीलिया तीन रूपों में प्रकट हो सकता है
- अन्य लक्षण
- सरल उपचार
- मिर्गी रोग
- क्लींजिंग
- कंडीशनिंग
- स्ट्रेंगथनिंग
- नपुसंकता के लिए घरेलू उपाय
- स्वप्न दोष के लिए घरेलू उपाय
- दाद
- गर्म पानी
- जैतून तेल का करें इस्तेमाल
- हाइड्रेटेड रहें
- दूध का इस्तेमाल करें
- खीरे का इस्तेमाल करें
- रूखी त्वचा के लिए घरेलू नुस्खे
- चर्म रोग, स्किन एलर्जी
- नाक की एलर्जी से बचने का घरेलू उपाय
- आई फ्लू का घरेलू उपाय
- चेहरे की झाइयाँ के घरेलू उपचार
- सूखे और फटे पैरों के इलाज के लिए नुस्ख़े
- कैसे दूर करें चेहरे की टैनिंग?
- सर्दियों में सूखे बालों के घरेलू नुस्खे
- गोरी और सफेद त्वचा के लिए घरेलू नुस्खे
- मुहासो से मुक्ति पाने के घरेलू नुस्के
- जलोदर रोग की सरल चिकित्सा
- बहुत पीले दांत भी सफेद हो जाएंगे
- बुखार से बचाव के लिए घरेलू इलाज
- हड्डियों के रोग के लिए घरेलू इलाज
- निमोनिया का घरेलू उपचार
- बच्चों के हरे—पीले दस्त के लिए घरेलू इलाज
- पित्त ज्वर के लिए घरेलू इलाज
- मलेरिया के लिए घरेलू इलाज
- घाव—फोड़ा के लिए घरेलू इलाज
- फोड़ा के लिए घरेलू इलाज
- पैर में काँटा लगना के लिए घरेलू इलाज
- परिचय
- शहद और चीनी
- सब्जियां
- अनरिफाइंड खाना
- आरामदेह स्नान
- जवस
- त्रिफला
- अरंडी का तेल
- उल्टी
- पेचिस
- सर्दी, खांसी, जुकाम
- शिशु को सर्दी लगना
- बच्चों में कमजोरी के लिए
- कब्ज होने पर
- छाती का दर्
- प्याज़ और लहसुन
- नारियल
- मेंहदी
- जपाकुसुम
- आंवला
- अंडा
- ब्यूटी को निखारे एलोवेरा से
- मसालों में दवा
- हल्दी: हेल्थ भी ब्यूटी भी
- अखरोट : अचूक औषिध
- डायबिटीज का इलाज
- पत्तियों से बालों की खूबसूरती
- कैल्शियम, आयरन की पूर्ति के लिए
- बुद्घि तीव्र करने के लिए
- धनिया के आसान घरेलू इलाज
- अदरक एक, फायदे अनेक
- दाँत दर्द के घरेलू नुस्खे
- आलू से घरेलू चिकित्सा
- पेट में कीड़े होने का घरेलू इलाज
- परिचय
- प्राणायाम
- शीतली
- शीतकारी
- मुद्रा
- चेहरे का ध्यान रखें
- आँखों पर रखें नजर
- योगासन
- पेय पदार्थ
- भोजन
- स्नान-ध्यान
- खीरा
- आलू
- गुलाब जल
- बादाम का तेल
- इन आदतों से दूर रहें
- परिचय
- पुदीना या पहाड़ी पुदीना का चाय
- हल्दी और बेसन का पैक
- झामक
- चीनी और नींबू का पैक
- नींबू और शहद का पैक
- नारियल के तेल और नींबू का रस
- दही और नींबू का रस
- चीनी, शहद और नींबू का रस
- चंदन और खीरा
- बादाम तेल, दूध और शहद
- ओट्स, दही और शहद
- आलू, टमाटर का रस और शहद
- संतरा का छिलका और शहद
- ऐलो वेरा और बादाम का तेल
- गुलाब जल, नींबू का रस और ग्लिसरिन
- सावधानी
- बच्चों का सही पालन-पोषण
- बच्चों (नवजात शिशु) को दूध की उल्टी
- बच्चों के विभिन्न रोगों की पहचान
- बच्चों को होने वाले प्रमुख रोग
- बच्चे की नाल (खेड़ी, अपरा) निकालना
- बच्चों को पतले दस्त
- खसरा
- बच्चों का रोना
- बच्चों के दांत निकलना
- बच्चों का बुखार
- बच्चो का मधुमेह रोग
- बच्चों का पेट बड़ा होना
- बच्चों के यकृत दोष
- सूखा रोग
- बालातिसार एवं रक्तातिसार
- बिस्तर पर पेशाब करना
- अहिपूतना
- कुकूणक
- अण्डकोष के रोग
- अण्डकोष की खुजली
- अण्डकोष की जलन
- अण्डकोष के एक सिरे का बढ़ना
- अण्डकोष का बढ़ना
- लिंग दोष
- लिंग में वृद्धि
- लिंग का गलना
- लिंगोद्रेक
- लिंग की उल्टी चमड़ी
- नपुंसकता
- पौरुषग्रंथि का बढ़ना व सूजन
- शीघ्रपतन
- शिश्न चर्म रोग
- स्वप्नदोष
- वीर्य के दोष दूर करें
- वीर्य की कमी
- बांझपन
- बांझपन का कारण एवं चिकित्सा
- भग प्रदाह, भग की खुजली
- दूध का बढ़ाना
- गर्भधारण (गर्भस्थापित कराना)
- गर्भ का ताकतवर होना
- गर्भ की रक्षा करना
- मासिक-धर्म शुरू होने की पहचान
- माहवारी (मासिक धर्म) के सभी दोषों को दूर करना
- मासिक-धर्म में दर्द
- योनि (स्त्रियों का जननांग) को बड़ी करना
- चेचक
- खसरा
- टाइफाईड
- पीलिया
- घमौरियां
- अतिसार
- नकसीर फूटना
- पसीना
- त्वचा रोग
- त्वचा की फुन्सियां
- सर्दी अधिक लगना
- जुकाम या प्रतिश्याय
- इन्फ्लुएंजा
- गले का दर्द
- गर्भनिवारक योग
- गर्भवती स्त्री का बुखार
- गर्भाशय की सूजन
- गर्भावस्था का भोजन
- गर्भावस्था की पहचान
- गर्भपात के बाद के कष्टों में
- गर्भपात न हो और पुत्र उत्पन्न हो
- माहवारी का अधिक आना
- संतति योग
- स्त्री के स्तनों (कुच) को संकोचन करना
- रक्ताल्पता की घरेलू चिकि्त्सा
- रक्ताल्पता के लक्षण
- कैसे करें रक्ताल्पता रोग का ईलाज?
- सेवफ़ल
- ताजा सलाद
- मैथी की सब्जी
- सब्जी और फ़ल
- मिर्गी रोगी की चिकित्सा ऐसे करें
- ज्यादा पानी पीयें
- तनाव से बचें
- धूम्रपान न करें
- विटामिन सी
- थोड़ी सी कसरत और मछली के तेल
- नाशपति के रोग निवारक गुण
- सेहत के लिए गुणों से भरपूर है लहसुन
- चाय पान के हानि -लाभ
- गर्मी में ईमली खाएं रोग भगाएं
- कोलेस्ट्रोल कम ऐसे करें
- लौकी
- ब्रोकोली
- कद्दू
- खीरा
- करेला
- नेत्र-स्नान
- पानी में आँखें खोलें
- आँखों को गतिशील रखो
- सूर्य की किरणों का सेवन
- आँखों की सामान्य कसरतें
- सही ढंग से पढ़ो और देखो
- उचित आहार-विहार
- नेत्र-रक्षा के उपाय
- नेत्रज्योतिवर्धक घरेलू नुस्खे
2019 मिर्ची फैक्ट्स.कॉम