कोर्टिसोल और मोटापे के बीच संबंध
शरीर का लगातार ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल उत्पन्न करना नुकसानदायक होता है। आमतौर पर शरीर में सुबह के समय कोर्टिसोल की ज्यादा मात्रा और शाम के समय कम मात्रा होती है। यह प्रक्रिया शरीर के हिसाब से बदल भी सकती है। कोर्टिसोल शरीर में ऊर्जा के संचार में भी सहायक है। कोर्टिसोल की मौजूदगी शरीर में कार्बोहाइड्रेट और फैट को प्रभावित करती है। यह शरीर में इन्सुलिन रिलीज करने में भी सहायक होता है। इसकी अंदरूनी गतिविधियां भूख को बढ़ाती है।
शरीर में लंबे समय तक कोर्टिसोल की अधिक मात्रा बने रहने पर भूख का ज्यादा अहसास होता है। तनाव में होने पर कोर्टिसोल के कारण ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है। तनाव के दौर से गुजर जाने के बाद भी ब्लड शुगर का उच्च स्तर बना रहता है। ग्लूकोज की ज्यादा मात्रा होने पर मोटापा बढ़ने लगता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक जिन व्यक्तियों में कोर्टिसोल के कारण मोटापे की समस्या होती है, उनके शरीर के अन्य अंगों के मुकाबले पेट पर ज्यादा चर्बी होती है। शरीर में कोर्टिसोल की ज्यादा मात्रा होने पर और भी समस्याएं हो सकती हैं। जो कि निम्नलिखित हैं।
दिल संबंधी रोग
उदासी बने रहना
अल्जाइमर रोग
डायबिटीज
तनाव बना रहना