कुछ विशिष्ट योग
किसी भी लग्न में पांचवें भाव में चंद्रमा होने पर जातक सट्टा या अचानक पैसा कमाने वाले साधनों से कमाई का प्रयास करता है। चंद्रमा फलदाई हो तो ऐसे जातक अच्छी कमाई कर भी लेते हैं।
कारक ग्रह की दशा में जातक सभी सुख भोगता है और उसे धन संबंधी परेशानियां भी कम आती हैं।
सातवें भाव में चंद्रमा होने पर जातक साझेदार के साथ व्यवसाय करता है लेकिन धोखा खाता है।
छठे भाव का ग्यारहवें भाव से संबंध हो तो, जातक ऋण लेता है और उसी से कमाकर समृद्धि पाता है।