खुजली के आयुर्वेदिक उपचार
जब त्वचा की सतह पर जलन का एहसास होता है और त्वचा को खरोंचने का मन करता है तो उस बोध को खुजली कहते हैं। खुजली के कई कारण होते हैं जैसे कि तनाव और चिंता, शुष्क त्वचा, अधिक समय तक धूप में रहना, औषधि की विपरीत प्रतिक्रिया, मच्छर या किसी और जंतु का दंश, फंफुदीय संक्रमण, अवैध यौन संबंध के कारण, संक्रमित रोग की वजह से, या त्वचा पर फुंसियाँ, सिर या शरीर के अन्य हिस्सों में जुओं की मौजूदगी इत्यादि से।
खुजली के लिए आयुर्वेदिक उपचार
*.खुजली वाली जगह पर चन्दन का तेल लगाने से काफी राहत मिलती है।
*.दशांग लेप, जो आयुर्वेद की 10 जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है, खुजली से काफी हद तक आराम दिलाता है।
*.नीम का तेल, या नीम के पत्तों की लेई से भी खुजली से छुटकारा मिलता है।
*.गंधक खुजली को ठीक करने के लिए बहुत ही बढ़िया उपचार माना जाता है।
*.नीम के पाउडर का सेवन करने से त्वचा के संक्रमण और खुजली से आराम मिलता है।
*.सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी खुजली से छुटकारा मिलता है।
*.नींबू का रस बराबर मात्रा में अलसी के तेल के साथ मिलाकर खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है।
*.नारियल के ताज़े रस और टमाटर का मिश्रण खुजली वाली जगह पर लगाने से भी खुजली दूर हो जाती है।
*.शुष्क त्वचा के कारण होनेवाली खुजली को दूध की क्रीम लगाने से कम किया जा सकता है।
*.25 ग्राम आम के पेड़ की छाल, और 25 ग्राम बबूल के पेड़ की छाल को एक लीटर पानी में उबाल लें, और इस पानी से ग्रसित जगह पर भाप लें। जब यह प्रक्रिया हो जाए तो ग्रसित जगह पर घी थपथपाकर लगायें। खुजली गायब हो जाएगी।
*.करेले की जड़ का रस ग्रसित जगह पर लगाने से भी खुजली कम होती है।
*.अगर खुजली पूरे शरीर में फैल रही है तो 3 या 4 दिनों तक पीसी हुई अरहर की दाल दही में मिश्रित करके पूरे शरीर पर लगायें। इससे खुजली फैलने से रुक जायेगी और जल्द ही गायब भी हो जायेगी।
*.बबूल के पेड़ की छाल से एक्ज़िमा के कारण हो रही खुजली नियंत्रण में आती है।
*.मौसमी घमौरियां और चुभने वाली गरमी पित्त व्यवस्था के कारण होती है। इनका इलाज छोटे डोज़ में प्रवाल पिश्ती के सेवन से किया जा सकता है।
*.चन्दन और काली मिर्च को पीसकर एक महीन लेई बना लें, और उसे घी के साथ मिश्रित कर लें। एक खुरदुरे कपडे से इस मिश्रण को खुजली वाली जगह पर लगा लें, और उसके बाद उस खुजली वाली जगह को सूर्य की रोशनी लगने दें। खुजली से राहत दिलाने के लिए यह बहुत ही तेज़ तरीका है, पर यह अस्थायी तौर से ही राहत दिलाता है।
*.पलाश के बीज रिंगवर्म, स्कैबिस, और एक्ज़िमा से होनेवाली खुजली को नियंत्रण में रखते हैं।इन बीजों को पीसकर, नींबू के रस के साथ मिश्रित करके खुजली वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।
*.दालचीनी के पत्ते त्वचा के हर रोग के उपचार के लिए उपयोगी माने जाते हैं। रिंग वर्म से हो रही खुजली की चिकित्सा के लिए इसका रस या लेई ग्रसित जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।
*.खुजली वाली त्वचा पर नारियल तेल अथवा अरंडी का तेल लगाने से बहुत फायदा मिलता है।
खुजली की अन्य अन्य आयुर्वेदिक औषधियां हैं आयोडाईज़द सालसा, ब्लड प्यूरीफायर, रक्तशोधक वटी, इत्यादि।